Brahmand




 ब्रह्मांड हकई रहस्यों का पिटारा है, कुदरत का कुदरती जादू शायद इस पर मेहरबान है। कुदरत के हसीन नजारे चांद, सूरज, तारे, पेड़-पौधे, जल आदि जीवन में प्राण फूंकते हैं, खैर....

आखिर ब्रह्मांड की उम्र कितनी है, इस संदर्भ में पुराण, धार्मिक मान्यताएं और वैज्ञानिक तथ्यों में काफी अन्तर है। वैज्ञानिकों की नई खोजें कहती हैं कि कम से कम 32 अरब साल तक ब्रह्मांड का बाल भी बांका नहीं होगा।

हाँ, जिस 'डार्क एनर्जी' को इस विशाल ब्रह्मांड के लिए खतरा माना जा रहा था, वह लंबे समय तक इसे कोई क्षति नहीं पहुँचा सकेगी।

26 अगस्त 1920 में, इस संदर्भ में वैज्ञानिक एडविन ने अपने शोध लेख में लिखा था- ब्रह्मांड में विभिन्न आकाशगंगाएं लगातार एक दूसरे से दूर होती जा रही हैं, इससे उसका क्षेत्रफल बढ़ रहा है। आकाशगंगाएं दूर होने का कारण 'डार्क एनर्जी' है, जो ब्रह्मांड के हर हिस्से में है और वह उसका शोधन करती रहती है यही नहीं, वह गुरुत्त्वाकर्षण का प्रतिरोध भी करती है। इस कारण आकाशगंगाओं के दूर होने और ब्रह्मांड के विस्तृत होने के कारण 'डार्क एनर्जी' में भी वृद्धि हो रही है। इसी 'एनर्जी' के कारण तारों में विस्फोट का दौर चलता रहता है। एक शोध तथ्य के आधार पर अमेरिका के वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रह्मांड का 70 फीसदी हिस्सा इसी 'डार्क एनर्जी' से बना है बाकी हिस्सा एक और रहस्यमय पदार्थ से बना है जिसे वैज्ञानिकों ने 'डार्क मैटर' का नाम दिया है। इस बचे हुए हिस्से में से सिर्फ तारे, ग्रह ही सजीव असली पदार्थ से बने है।


धरती पर आने वाली प्राकृतिक आपदाएं जैसे भूकंप, ज्वालामुखी, सुनामी, बाढ़, तूफान, चक्रवात, आंधी, तेजाब जैसे घातक पानी की वर्षा आदि से अभी तक ऐसा माना जाता रहा है कि प्रकृति के ये प्रकोप ब्रह्मांड की उम्र को हर बार 25 से 50 साल तक कम कर देते है। लेकिन ताजा वैज्ञानिक खोजों ने यह साबित कर दिया है, प्राकृतिक आपदाएं ही ब्रह्मांड की उम्र में वृद्धि करती हैं।

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