अनमोल वचन Anmol vachan
'हमने अपने जीवन में मधुरता रखनी है और सद्भाव में चलते हुए सभी को प्यार बांटना हैं। संदेश छोटा हो या बड़ा जब हम उसे अपनी जिंदगी में उतारेंगे तो जीवन पर उसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा और हम एक बेहतर इन्सान बन सकेंगे। परमात्मा को हमसे बेहतर पता है कि हमें क्या चाहिए और इसने हमें जो दिया है बहुत अच्छा दिया है। जितना हम शुकराने के भाव में रहेंगे उतना हमारा जीवन सुन्दर बनेगा और हम अपने आपको एक इन्सान कहलाने के काबिल बना पाएंगे। सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज जीवन के विकास के लिए अभिमान का त्याग परम आवश्यक है। अभिमान से घृणा का जन्म होता है, प्यार का अन्त होता है। गुरु के आदेश ही जीवन को सफल बनाते हैं। जीवन का एक पल करोड़ों स्वर्ण मुद्राओं के देने पर भी नहीं मिलता है। कुछ नहीं करोगे तो कुछ नहीं बनोगे । - चाणक्य आत्म-त्याग से आप दूसरों को निःसंकोच त्याग करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। हमारी भक्ति तभी दृढ़ होगी जब सुमिरण में हमारा मन लगा होगा, सत्संग में बैठकर हमारा मन इधर-उधर नहीं भागेगा और सेवा भी तभी परवान है जब हमारी भक्ति मर्यादा के अनुसार होगी। कर्म करने में ही तुम्हारा अधिकार है, फल मे